छांगुर बाबा: बुलडोजर एक्शन का तीसरा दिन, 80% अवैध निर्माण ध्वस्त, जानें कब तक चलेगी कार्रवाई

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बलरामपुर जिला प्रशासन ने यूपी एटीएस द्वारा पकड़े गए धर्मांतरण रैकेट के 'मास्टरमाइंड' जमालुद्दीन उर्फ ​​छांगुर बाबा द्वारा कथित तौर पर अतिक्रमण की गई सरकारी जमीन पर लगभग 80 प्रतिशत अवैध निर्माण हटा दिए हैं. अधिकारी ने बताया कि लगभग एक एकड़ क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के लिए आठ बुलडोज़र लगाए गए हैं. 

बकौल अधिकारी- "कार्रवाई मंगलवार को शुरू हुई और अभी भी जारी है. पहले दिन 20 प्रतिशत अवैध निर्माण ध्वस्त कर दिया गया. बुधवार तक 80 प्रतिशत अवैध निर्माण ध्वस्त कर दिया गया." उन्होंने आगे कहा कि यह कार्रवाई तब तक जारी रहेगी जब तक जमीन पूरी तरह से अतिक्रमण मुक्त नहीं हो जाती. 

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न्यूज एजेंसी के मुताबिक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विशाल पांडे ने कहा कि एक शिकायत मिली थी कि छांगुर बाबा ने मधेपुर गांव में सरकारी जमीन हड़प ली है और जांच में आरोप सही पाया गया. नोटिस देने के बाद बुलडोजर एक्शन लिया गया. इस दौरान पुलिस बल मुस्तैद रहा. मौके पर शांति व्यवस्था कायम है. 

उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधी दस्ते (यूपी एटीएस) ने बुधवार को जलालुद्दीन उर्फ ​​छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ ​​नसरीन को एक सप्ताह की हिरासत में ले लिया. इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था. छांगुर बाबा और नसरीन को पिछले शनिवार को गिरफ्तार किया गया था, जबकि दो अन्य सह-आरोपियों, नवीन उर्फ ​​जमालुद्दीन और जलालुद्दीन के बेटे महबूब को अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था. 

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पुलिस ने आरोप लगाया है कि पकड़े गए लोगों ने हिंदू और अन्य गैर-मुस्लिम समुदायों के लोगों का धर्म परिवर्तन कराने के लिए संगठित तरीके से काम किया. जांचकर्ताओं का आरोप है कि इस रैकेट ने गरीब, मजदूरों, विधवाओं और कमजोर लोगों को निशाना बनाया, उन्हें बहकाया गया, आर्थिक प्रलोभनों का लालच दिया गया या शादी के प्रस्तावों के जरिए बरगलाया गया. टारगेट हिंदू लड़कियां/महिलायें होती थीं.  

मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था- "प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि आरोपी जलालुद्दीन की गतिविधियां न केवल समाज के विरुद्ध, बल्कि राष्ट्र के विरुद्ध भी हैं." राज्य में कानून-व्यवस्था से जुड़े मामलों में किसी भी तरह की ढील न बरतने की बात कहते हुए मुख्यमंत्री ने आगे कहा था कि आरोपियों और उनके गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की संपत्ति जब्त की जाएगी और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. 

लखनऊ के गोमतीनगर स्थित एटीएस थाने में दर्ज इस मामले में बीएनएस की धारा 121ए (राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ना), 153ए (शत्रुता को बढ़ावा देना), 417 (धोखाधड़ी), 420 (धोखाधड़ी) और उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 के प्रावधानों के तहत आरोप शामिल हैं. 

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