नेपाल में जारी बवाल के बीच इंडो-नेपाल बॉर्डर एरिया में टेंशन बढ़ गई है. यूपी के कई जिले नेपाल से बॉर्डर शेयर करते हैं. इन्हीं में एक जिला है महाराजगंज. जब से पड़ोसी देश में हिंसा शुरू हुई है, तभी से जिले के सोनौली बॉर्डर पर हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है. इस बीच नेपाल से बारात लेकर आए एक दूल्हे ने 'आजतक' से अपनी आपबीती बयां की.
नेपाल हिंसा के कारण दूल्हे की बारात फंसी, बॉर्डर पर अलर्ट
आपको बता दें कि ये दूल्हा पैदल ही बारात लेकर इंडो-नेपाल बॉर्डर पहुंचा है. उसका कहना है कि नेपाल में हालात में इतने खराब हो गए हैं किसी तरह वहां से निकलना मुमकिन हुआ है. चंद बारातियों के साथ भारत की सीमा में पहुंचे इस दूल्हे का नाम शहनवाज है.
दरअसल, नेपाल के शहनवाज की आज शादी है. शहनवाज ने सपने संजोए थे कि वो अपनी शादी पूरी धूम-धाम से करेगा. लेकिन उसके अरमान पर पानी फिर गया. क्योंकि, नेपाल हिंसा का असर टूरिस्टों के साथ-साथ मांगलिक कार्यक्रमों पर भी पड़ रहा है. शहनवाज जैसे-तैसे अपने भाई और कुछ बारातियों को लेकर निकल पाया है. इंडो-नेपाल बॉर्डर पर चेकिंग के दौरान उन्होंने अपना दर्द बयां किया.
नेपाल में हिंसा जारी, सोनौली बॉर्डर पर टूरिस्ट परेशान
बता दें कि नेपाल में 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगे बैन को हटाए जाने के बाद भी हिंसा का दौर थम नहीं रहा है. कई मंत्रियों के इस्तीफे के बावजूद, देश में प्रदर्शन और हिंसा जारी है. इसी स्थिति को देखते हुए, भारत-नेपाल बॉर्डर पर स्थित रूपनदेही जिले के बेलहिया भंसार कार्यालय को बंद कर दिया गया है. भारत से नेपाल जाने वाले सभी वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, जिससे नेपाल घूमने की इच्छा रखने वाले दूर-दूर से आए पर्यटक निराश होकर वापस लौट रहे हैं.
महाराष्ट्र से आया 10 लोगों का एक टूरिस्ट ग्रुप भी सोनौली सीमा पर फंसा हुआ है. ये लोग 18 घंटे से अधिक समय से सीमा खुलने का इंतजार कर रहे हैं. उन्हें रात में ही नेपाल में प्रवेश करने से रोक दिया गया था. क्योंकि, नेपाल में हालात सुधरने की बजाय और भी खराब होते जा रहे हैं, जिसके कारण पर्यटकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सीमा बंद होने से दोनों देशों के बीच यातायात पूरी तरह से रुक गया है और लोगों की आवाजाही पर भी असर पड़ा है.
नेपाल में हिंसक प्रदर्शन, 19 की मौत और 250 घायल
नेपाल में सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंध और सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ हजारों युवाओं ने संसद पर धावा बोल दिया, जिसके बाद हुई हिंसक झड़पों में 19 लोगों की मौत हो गई और 250 से ज्यादा घायल हो गए. स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए नेपाल सरकार ने कई क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया है और सेना को तैनात कर दिया है.
इस हिंसा का असर भारत-नेपाल सीमा पर भी दिख रहा है. बेलहिया और महेशपुर भंसार कार्यालय बंद होने के कारण सीमा पर आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है, जिससे लोगों और मालवाहक वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई है.
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