नेपाल में Gen-Z आंदोलनकारियों का प्रदर्शन उग्र होता जा रहा है. राजधानी काठमांडू सहित कई जिलों में तोड़फोड़ और आगजनी जारी है. इस बीच प्रदर्शनकारियों ने ऊर्जा मंत्री दीपक खड़का के घर पर धावा बोलकर वहां से बड़ी मात्रा में कैश लूट कर हवा में उड़ा दिया. देखते ही देखते इसका वीडियो वायरल हो गया.
सोशल मीडिया पर रोक बनी चिंगारी
पूरे आंदोलन की शुरुआत सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंध से हुई. सरकार ने व्हाट्सएप, यूट्यूब, इंस्टाग्राम और एक्स जैसे प्लेटफॉर्म पर रोक लगाई थी. इस फैसले से गुस्साए युवाओं ने इसे अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला माना और देखते ही देखते हजारों लोग सड़कों पर उतर आए. आदेश वापस लेने के बाद भी आंदोलन शांत नहीं हुआ बल्कि और उग्र होता गया. भीड़ का गुस्सा नेताओं और सत्ता के प्रतीकों पर टूट पड़ा.
दीपक खड़का का घर बना निशाना
हालात बिगड़ते-बिगड़ते सोमवार को प्रदर्शनकारियों का बड़ा जत्था ऊर्जा मंत्री दीपक खड़का के घर पहुंचा. शुरुआत में पत्थरबाज़ी और तोड़फोड़ हुई. दरवाज़े-खिड़कियां तोड़ दी गईं और सुरक्षा व्यवस्था ध्वस्त कर दी गई. जैसे ही भीड़ घर के भीतर दाखिल हुई, उन्हें नकदी का बड़ा ज़खीरा मिला. लाखों रुपये नेपाली मुद्रा में वहाँ मौजूद थे. प्रदर्शनकारियों ने इसे सिर्फ अपने पास रखने के बजाय बाहर लाकर सड़क पर हवा में उड़ा दिया. हवा में उड़ते नोटों के वीडियो ने पूरे देश में सनसनी मचा दी.
नेताओं के घरों और दफ़्तरों पर हमले
दीपक खड़का के घर की घटना एक प्रतीक मात्र थी. इसके अलावा भी कई शीर्ष नेताओं को निशाना बनाया गया. जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल ‘प्रचंड’, विदेश मंत्री अर्जु राणा देउबा, यूएमएल नेता महेश बस्नेत, राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल का निजी आवास, दूरसंचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुङ का घर, नेपाली कांग्रेस का काठमांडू स्थित कार्यालय आदि शामिल हैं. इन सब जगहों पर तोड़फोड़ और हिंसा हुई. भीड़ का गुस्सा इतना ज्यादा था कि राजधानी काठमांडू का हिल्टन होटल भी नहीं बच पाया. प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि यह होटल एक बड़े राजनीतिक नेता की संपत्ति है.
एयरपोर्ट तक पर संकट
स्थिति इतनी बिगड़ गई है कि सरकार को मंत्रियों और शीर्ष अधिकारियों को सेना के हेलिकॉप्टरों से सुरक्षित स्थानों पर ले जाना पड़ रहा है. जानकारी के अनुसार, पांच हेलिकॉप्टर लगातार नेताओं को त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक ले जाने का काम कर रहे हैं. इस एयरपोर्ट को भी बंद करने की तैयारी चल रही है. प्रधानमंत्री को भी उनके आधिकारिक आवास से हटाकर किसी सुरक्षित ठिकाने पर ले जाया जा सकता है.
कर्फ्यू और प्रशासनिक सख्ती
हिंसा को काबू में लाने के लिए काठमांडू, ललितपुर और भक्तपुर जिलों के कई हिस्सों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है. काठमांडू जिला प्रशासन ने रिंग रोड क्षेत्र के भीतर सुबह 8:30 बजे से अनिश्चितकाल तक कर्फ्यू लगाया है. इसमें कोटेश्वर, गौशाला, चाबहिल, गोंगाबू, स्वयम्भू और बल्खु जैसे इलाके शामिल हैं. ललितपुर प्रशासन ने भी वार्ड 2, 4, 9, 18 और 25 के कुछ हिस्सों जैसे भैसेपाटी, सानेपा और च्यासल में कर्फ्यू लागू कर दिया है.
आंदोलन को मिला बड़ा समर्थन
नेपाल में चल रहे इस आंदोलन को अब राजनीतिक ताकतें भी समर्थन देने लगी हैं. राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (RSP) ने अपने 21 सांसदों के सामूहिक इस्तीफे का ऐलान कर दिया है. रवि लामिछाने के नेतृत्व वाली यह पार्टी शुरू से ही विरोध प्रदर्शनों का समर्थन करती रही है. पार्टी का कहना है कि संसद को भंग कर नए चुनाव कराए जाएं ताकि जनता को असली विकल्प मिले. यह कदम ओली सरकार पर जबरदस्त दबाव डालने वाला माना जा रहा है.
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