Gurugram Radhika Yadav Murder Case: उस पिता ने अपने हाथों से लाडली बेटी का कत्ल किया. अब वही पिता खुद के लिए मौत मांग रहा है. जिस बाप को अपनी गलती का अहसास है, जो इकरार-ए-जुर्म कर रहा है. जो खुद कन्या वध की बात कर रहा है. वो उस वध की वजह बताने से क्यों हिचक रहा है? दरअसल, राधिका यादव की हत्या ने सबको चौंका दिया है. सवाल है कि क्या वाकई एक पिता ने बेटी को गांव वालों के तानों की वजह से मारा? या फिर इस कत्ल का सच अभी भी पर्दे में छुपा है? जानिए इस सनसनीखेज मर्डर केस की पूरी कहानी.
राधिका यादव का एक इंस्टाग्राम अकाउंट है. जिस पर उसके कुल 69 फॉलोअर्स हैं. जबकि राधिका 67 लोगों को फॉलो कर रही थी. जिन 67 लोगों को वो फॉलो कर रही थी वो सभी उसके नजदीकी दोस्त और कुछ कोच हैं. इस अकाउंट पर राधिका ने अब तक सिर्फ 6 पोस्ट डाले थे. राधिका ने अपना इंस्टाग्राम अकाउंट 2022 में खोला था. पहला पोस्ट मई 2022 में किया था. जबकि राधिका का आखिरी पोस्ट 13 हफ्ते पहले यानि अप्रैल 2025 में आया था. असल में राधिका का आखिरी पोस्ट एक ऐड शूट था, जो शायद कभी आया ही नहीं. राधिका के 6 पोस्ट में से सबसे ज्यादा व्यूज़ 11 हजार है. अकाउंट प्राइवेट है.
अब जाहिर है राधिका के इस इंस्टाग्राम अकाउंट में ऐसा कुछ नहीं है जो किसी भी पेरेंट्स को परेशान करें. तो अगर सोशल मीडिया राधिका के कत्ल की वजह नहीं है तो फिर वो वजह क्या है? राधिका मर्डर केस में दर्ज एफआईआर में लिखा है कि राधिका के पिता दीपक यादव गांव वालों के तानों और बेटी की कमाई खाने की बात से नाराज और गुस्से में था और इसीलिए उसने अपने हाथों अपनी बेटी की जान ले ली. लेकिन ये वजह इसलिए गले नहीं उतर रही क्योंकि जिस वजीराबाद गांव का दीपक रहने वाला है, खुद उस गांव के लोगों की मानें तो गांव में किसी की हिम्मत नहीं थी जो दीपक को मुंह पर या मैसेज पर ऐसी बात कह पाए.
दीपक यादव हरियाणा में मौजूद वजीराबाद गांव में रहता है. दीपक और उसके परिवार की गिनती गांव के अमीर लोगों में होती है. सिर्फ किराए से ही दीपक को महीने में 20 से 22 लाख रुपए मिलते थे. गांव वालों की मानें तो जो दीपक और उसके भाई का रुतबा इस गांव में है, उसको देखते हुए सवाल ही नहीं कि कोई दीपक को उसकी बेटी के लिए ताना मारे. तो फिर क्या बेटी की कमाई खाने का ताना सुनकर दीपक ने राधिका का कत्ल किया? तो ये वजह भी गले नहीं उतरती क्योंकि इसकी भी वजह है.
शुरुआत में ये खबर आई थी कि इसी साल राधिका ने कंधे में चोट लगने के बाद गुरुग्राम में ही अपनी एकेडमी खोली थी. लेकिन अब जो खबर सामने आई है उसके मुताबिक राधिका ने अपनी कोई एकेडमी नहीं खोली थी बल्कि वो गुरुग्राम में ही अलग अलग टेनिस अकेडमी अलग अलग दिनों के लिए रेंट देकर बुक कराया करती थी. और फिर वहीं बच्चों को कोचिंग देती. अब ऐसे में ये सवाल उठता है कि जब राधिका की अपनी एकेडमी थी ही नहीं तो फिर इतनी कमाई कैसे हो सकती है जो एक बाप बैठकर खा रहा हो. ऊपर से ये देखते हुए कि जब दीपक की खुद महीने की अपनी कमाई 20 से 22 लाख रुपये थी तो फिर उसे राधिका के पैसों की जरूरत ही क्या थी?
अब अगर गांव वालों का ताना नहीं, बेटी की कमाई खाने की वजह नहीं तो फिर कन्या वध की असली वजह क्या थी? गुरुग्राम पुलिस की शुरुआती तफ्तीश के मुताबिक राधिका का अब तक की जांच में कोई अफेयर भी सामने नहीं आया है. करीब सवा साल पुराने जिस म्यूजिक एलबम को लेकर राधिका का नाम कुछ लोग म्यूजिक एलबम में लीड रोड प्ले कर रहे इनामुल से जोड़ रहे हैं, वो इनामुल पिछले काफी वक्त से दुबई में रहता है. इस म्यूजिक एलबम के शूट के लिए भी राधिका को इनामुल ने नहीं बल्कि म्यूजिक एलबम के डायरेक्टर ने अप्रोच किया था. राधिका और इनामुल का रिश्ता एक प्रोफेशनल रिश्ता था जो सिर्फ शूट तक ही रहा. यानि अफेयर भी राधिका के कत्ल की वजह नहीं थी, तो फिर वजह क्या थी?
राधिका के कत्ल की वजह राधिका को लेकर परिवार की तरफ से रोक टोक भी बताई जा रही है. ये भी कहा जा रहा है कि राधिका पर बहुत तरह की पाबंदियां थी. लेकिन ये भी पूरी तरह सही नहीं है. राधिका अपने टेनिस के पेशेवर करियर में कई बार विदेश भी गई. अगर परिवार की तरफ से इतनी रोक टोक होती तो क्या परिवार उसे विदेश भेजता?
राधिका के कत्ल को लेकर जब हर कोई असली वजह की तलाश में जुटा है, तभी उसी वक्त राधिका की एक दोस्त अचानक सामने आती है. वो खुद ही वीडियो बनाकर राधिका के कत्ल के बारे में कुछ जानकारी सामने रखती है. इसके बाद राधिका की दोस्त हिमांशिका एक दूसरा वीडियो जारी करती है, जिसमें वो ये कहती दिखाई देती है कि दीपक यादव राधिका के कत्ल की प्लानिंग तीन दिन से कर रहे थे. हिमांशिका ने दावा किया कि इसी प्लानिंग के तहत कत्ल वाले दिन राधिका के भाई को घर से बाहर भेज दिया गया था. राधिका के डॉगी को भी उससे दूर कर दिया गया था.
सुशांत लोक गुरुग्राम का पॉश इलाका है. सुशांत लोक 2 सेक्टर 57 की एक तीन मंजिला कोठी में राधिका और उसका परिवार रहा करता था. ग्राउंड फ्लोर पर राधिका के चाचा यानी दीपक के छोटे भाई कुलदीप यादव अपनी पत्नी और एक बेटे के साथ रहा करते थे. फर्स्ट फ्लोर पर दीपक यादव उनकी पत्नी, बेटा धीरज यादव और छोटी बेटी राधिका यादव रहा करते थे. दस जुलाई की सुबह करीब साढ़े 10 बजे कुलदीप यादव को एक धमाके की आवाज सुनाई दी. वो भाग कर ऊपर गए, तो देखा कि उनकी भतीजी राधिका किचन में फर्श पर खून से लथपथ गिरी हुई है. ड्राइंग रूम में एक रिवॉल्वर पड़ा था. ये लाइसेंसी रिवॉल्वर दीपक यादव के नाम है. बाद में कुलदीप यादव अपने बेटे के साथ राधिका को गाड़ी में डाल कर नजदीक के एशिया मेरिंगो अस्पताल ले गए. लेकिन वहां डॉक्टरों ने राधिका को मुर्दा करार दिया. इसके बाद अस्पताल से ही पहली बार पुलिस को फोन किया जाता है फिर पुलिस मौका-ए-वारदात पर पहुंचती है.
फर्स्ट फ्लोर पर वारदात के वक्त घर में कुल तीन लोग थे. राधिका, उसके पापा दीपक यादव और मम्मी मंजू यादव. मंजू को बुखार था और वो दूसरे कमरे में लेटी हुई थी. दीपक यादव का बेटा तब घर में मौजूद नहीं था. वो प्रॉपर्टी के किसी काम से तब बाहर गया हुआ था. दीपक के भाई कुलदीप ने पुलिस को बयान दिया कि मुझे ऐसा लगता है कि मेरे भाई दीपक ने ही राधिका को गोली मारी है. हालांकि उन्हें ये समझ में नहीं आ रहा है कि दीपक ने ऐसा क्यों किया? क्योंकि घर में ऐसी कोई भी परेशानी नहीं थी. बाद में मौके पर फॉरेंसिक टीम भी पहुंची और रिवॉल्वर को अपने कब्जे में लिया. किचन से पुलिस को कुल पांच खोखे मिले. यानी रिवॉल्वर से पांच गोली चली थी. छठी गोली यानी जिंदा कारतूस रिवॉल्वर के चेंबर में ही मौजूद था.
वैसे ये सच था कि कत्ल के वक्त राधिका का भाई घर पर नहीं था. लेकिन राधिका के पिता दीपक यादव ने शुरुआत में पुलिस को जो बताया वो गलत था. दीपक यादव के बयान के मुताबिक, गुरुवार की सुबह उनका बेटा धीरज यादव प्रॉपर्टी के काम से घर से बाहर गया था जबकि असल में वो दूध लेने के लिए अपने गांव वजीराबाद गया था. सीसीटीवी फुटेज में धीरज हाथ में दूध का डोल लिए गांव में घर के अंदर दिखाई दे रहा है. अब सवाल ये है कि क्या कत्ल के वक्त सचमुच जानबूझ कर धीरज को दीपक यादव ने घर से बाहर भेजा था या ये सब कुछ पहले से तय था?
एक दिन की पुलिस कस्टडी पूरी होने के बाद दीपक यादव को गुरुग्राम की एक अदालत ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. इतनी जल्दी पुलिस कस्टडी खत्म होने की वजह ये भी थी कि गुरुग्राम पुलिस मौके से ही कातिल और कत्ल में शामिल हथियार बरामद कर चुकी है. आरोपी दीपक यादव ने अपना जुर्म भी कबूल कर लिया है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक फिलहाल गुरुग्राम पुलिस एफआईआर में लिखी बातों और कत्ल की वजह को ही असली वजह मानकर चल रही है. और शायद आने वाले दिनों में दाखिल चार्जशीट में भी राधिका के कत्ल की वजह वही होगी जो एफआईआर में है. यानि लोगों का ताना मारना. पर क्या सचमुच राधिका के कत्ल की यही वजह है?
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(गुरुग्राम से हिमांशु मिश्रा के साथ नीरज वशिष्ठ का इनपुट)