बंगला, बुलेटप्रूफ गाड़ी और Z+ सुरक्षा.... जानिए नए उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन को कितनी मिलेगी सैलरी

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एनडीए के सीपी राधाकृष्णन भारत के नए उपराष्ट्रपति बन गए हैं. उन्होंने इस रेस में शामिल 'इंडिया' ब्लॉक के सुदर्शन रेड्डी को शिकस्त दी है. क्या आप जानते हैं कि इस पद पर आसीन होने के बाद अब उन्हें क्या-क्या सुविधाएं मिलेंगी और उनकी सैलरी कितनी होगी? तो बता दें, कि देश के उपराष्ट्रपति को नियमित वेतन नहीं दिया जाता है, बल्कि उन्हें राज्यसभा के कार्यकारी अध्यक्ष की भूमिका निभाने के लिए सैलरी दी जाती है और इसी के तहत बंगला, गाड़ी से लेकर तमाम सुविधाएं दी जाती हैं.  

4 लाख रुपये हर महीने मिलेगा वेतन 
जैसा कि बताया कि उपराष्ट्रपति के पद के लिए कोई नियमित वेतन का प्रावधान नहीं है, लेकिन राज्यसभा के सभापति का वेतन 4 लाख रुपये प्रति माह तय है, जो भारत के उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन को ये जिम्मेदारी निभाने के लिए दिया जाएगा. इसके अलावा उन्हें मिलने वाली अन्य सुविधाओं की बात करें, तो शानदार बंगला, सरकारी बुलेटप्रूफ गाड़ी, Z+ सिक्योरिटी, देश-विदेश की फ्री यात्रा और दैनिक भत्तों के साथ ही सभी चिकित्सा सुविधाएं भी दी जाती हैं. 

पद छोड़ने के बाद इतनी पेंशन
पद छोड़ने के बाद भी पूर्व उपराष्ट्रपति को सरकार की ओर से तमाम तरह की सुविधाएं दी जाती हैं, जिसमें जीवन भर के अलावा बंगला, सुरक्षा, मेडिकल सर्विसेज समेत पद पर रहते हुए मिलने वाली ज्यादा सुविधाएं शामिल होती हैं. अगर उपराष्ट्रपति को पद छोड़ने के बाद मिलने वाली मंथली पेंशन की बात करें, तो ये भी उन्हें राज्यसभा के पूर्व सभापति के तौर पर दी जाती है, तो सैलरी की आधी रहती है यानी 2 लाख रुपये प्रतिमाह. 

इसके अलावा उन्हें टाइप-8 बंगला, पर्सनल सेक्रेटरी, और अन्य स्टाफ भी सरकारी की ओर से मुहैया कराया जाता है. वहीं अगर पूर्व राष्ट्रपति का निधन हो जाता है तो फिर उनकी पत्नी को भी टाइप-7 बंगला समेत अन्य कई सुविधाएं जीवनभर मिलती रहती हैं. 

452 वोटों के साथ बने 17वें उपराष्ट्रपति
मंगलवार 9 सितंबर को संपन्न हुए उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में एनडीए की ओर से उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को 427 वोटों के मुकाबले 25 वोट ज्यादा हासिल हुए और कुल मिलाकर उनके पक्ष में 452 वोट आए. वहीं उनके सामने खड़े इंडिया ब्लॉक के कैंडिडेट सुदर्शन रेड्डी को बड़ा झटका लगा और उन्हें कुल 315 वोट की तुलना में 15 वोट क्रॉस वोटिंग के चलते कम हासिल हो सके, उन्हें मिले कुल वोटों की संख्या 300 रही. राधाकृष्णन 152 वोटों की बढ़त के साथ देश के 17वें उपराष्ट्रपति बन गए. 

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