भारत-UK के बीच फ्री ट्रेड डील पर कल लगेगी मुहर! ये चीजें हो जाएंगी सस्‍ती और महंगी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूके दौरे के लिए रवाना हो चुके हैं. पीएम का यह दौरा भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के लिए ऐतिहासिक माना जा रहा है, क्‍योंकि India-UK के बीच फ्री ट्रेड डील ( FTA) होने वाली है. गुरुवार यानी कल प्रधानमंत्री मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीएर स्टार्मर की मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर अधिकारिक रूप से हस्‍ताक्षर होने की उम्‍मीद है. 

भारत-ब्रिटेन फ्री ट्रेड एग्रीमेंट एक बड़ा व्यापार समझौता है. इसकी शुरुआत जनवरी 2022 में तत्कालीन ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन के कार्यकाल में हुई थी. इसे पहले 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य था. प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे के साथ वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भी होंगे. फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के जरिए भारत-ब्रिटेन की कोशिश द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक 120 अरब अमेरिकी डॉलर तक ले जाना है. 

यह समझौता सिर्फ भारत की अर्थव्‍यवस्‍थाओं के लिए ही बेहतर नहीं होगा, बल्कि आम जनता के लिए भी बड़ा राहत देगा. इस समझौते से कई चीजें सस्‍ती हो सकती हैं. फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) का मतलब- दोनों देशों के बीच आयात-निर्यात होने वाले उत्‍पादों पर टैरिफ या कस्‍टम ड्यूटी कम करना या खत्‍म करना है, ताकि दोनों देशों के बीच व्‍यापार आसान हो और दोनों देशों के सामान सस्‍ते मिलें. 

भारत-यूके FTA का मतलब क्‍या है? 
भारत और यूके फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (India-UK FTA) के तहत भारत को अपनी 99 फीसदी एक्‍सपोर्ट आइटम पर UK में टैक्‍स फ्री एक्‍सपोर्ट का अधिकार मिलेगा.  फिलहाल, इन वस्तुओं पर 4% से 16% तक शुल्क लगता है. वहीं भारत ब्रिटेन से आने वाले 90 फीसदी उत्‍पादों पर टैरिफ हटा देगा. इससे भारतीय कंपनियों को भी बड़ा लाभ मिलेगा, क्‍योंकि इनके लिए कम लागत पर ज्‍यादा उत्‍पाद आ सकेंगे. वहीं कुछ चीजें सस्‍ती कीमत पर मिलेंगी. 

क्‍या चीजें हो जाएंगी सस्‍ती और महंगी? 
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से UK से आने वाले कई इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स, कपड़े और ज्‍वेलरी जैसे सामान सस्‍ते हो सकते हैं. भारत से यूके में जाने वाले कपड़े, ज्‍वेलरी, टेक्‍सटाइल और मरीन प्रोडक्‍ट्स के लिए नया मार्केट खुल सकता है. वहीं एग्रीकल्‍चर प्रोडक्‍ट्स स्थिर रह सकते हैं या फिर महंगे हो सकते हैं, क्‍योंकि इस सेक्‍टर के साथ छेड़छाड़ नहीं की गई है. 

  • यूके से आने वाले इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स सामान सस्‍ते हो सकते हैं, क्‍योंकि यह कम टैरिफ में UK से आएगा. 
  • कपड़े-जूते,चमड़े और फैशन के सामान यूके से शून्‍यू टैक्‍स में इम्‍पोर्ट होंगे, जिस कारण यह सस्‍ता हो सकता है. 
  • दवाइंया UK से इम्‍पोर्ट भी होता है और एक्‍सपोर्ट भी. ऐसे में दोनों देश इसपर टैरिफ कम कर सकते हैं, जिससे ये महंगा भी हो सकता है और सस्‍ता भी. 
  • एग्रीकल्‍चर प्रोडक्‍ट्स के दाम स्थिर रह सकते हैं, क्‍योंकि भारत ने अपने एग्रीकल्‍चर सेक्‍टर से समझौता नहीं किया है. 
  • कार और बाइक जैसी ऑटो प्रोडक्‍ट्स के दाम महंगे हो सकते हैं, क्‍योंकि प्रतिस्‍पर्धा और टैरिफ में बदलाव होगा. 
  • स्‍टील और मेटल को लेकर भी भारत UK के लिए मार्केट ओपन करेगा. जिस कारण यूके के हाई क्‍वालिटी वाले प्रोडक्‍ट्स से मुकाबला होगा. ऐसे में चीजें महंगी हो सकती हैं. 

आम आदमी के लिए क्‍या मतलब होगा? 
UK से मेटल और ज्‍वेलरी प्रोडक्‍ट्स आने से भारत में कम्‍पटीशन भी बढ़ेगा और कस्‍टम नियमों का असर भी होगा, जिस कारण ये चीजें महंगी हो जाएंगी. हालांकि आम आदमी के लिए इस समझौते का फायदा ये होगा कि डेली यूज की कुछ चीजें जैसे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट, कपड़े और जूते कम कीमतों में मिल सकते हैं. इसके अलावा, रोजगार के अवसर भी बनने वाला है. साथ ही आर्थिक बढ़ावा भी होगा. 

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