भारतीय स्मार्टफोन शिपमेंट में 3 फीसदी का इजाफा हुआ है. पिछले साल के मुकाबले इस साल तीसरी तिमाही में ब्रांड्स ने 3 फीसदी ज्यादा फोन्स बेचे हैं और शिपमेंट का आंकड़ा 48.4 मिलियन पर पहुंच गया है. Omdia ने ये जानकारी साझा की है. (Photo: Unsplash)
इस ग्रोथ में जुलाई और अगस्त में लॉन्च हुए नए मॉडल्स और अर्ली फेस्टिव सीजन ने खास भूमिका निभाई है. इस तिमाही भी Vivo सबसे ज्यादा मार्केट शेयर वाला ब्रांड रहा है. कंपनी की सेल में iQOO का डेटा शामिल नहीं है. (Photo: Unsplash)
Vivo 20 फीसदी मार्केट शेयर के साथ टॉप पर बना हुआ है. वहीं दूसरे नंबर पर सैमसंग है. 68 लाख यूनिट्स के शिपमेंट के साथ कंपनी का मार्केट शेयर 14 परसेंट हो गया है. Xiaomi इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर है, जो ओपो से थोड़ा ही आगे है. (Photo: Unsplash)
वहीं टॉप-5 की लिस्ट में ऐपल की वापसी हो गई है. छोटे शहरों में डिमांड बढ़ने के साथ ही Apple पांचवें पायदान पर पहुंच गया है. कंपनी ने 49 लाख यूनिट्स इस क्वार्टर शिप की हैं. ब्रांड्स ने अभी अपनी स्ट्रैटजी में बदलाव किया है. (Photo: Unsplash)
वीवो ने पोर्टफोलियो को बैलेंस्ड बनाया है. ऑनलाइन मार्केट प्लेस में कंपनी की T-सीरीज बेहतरीन प्रदर्शन कर रही है. वहीं Vivo V60 और Y-सीरीज ने सभी बड़े फॉर्मेट और रूलर रिटेल चैनल्स में कंपनी की पहुंच को बेहतर किया है. (Photo: Unsplash)
सैमसंग को मिड-प्रीमियम सेगमेंट में फायदा हुआ है. कंपनी के पुराने मॉडल्स डिस्काउंट के बाद लोगों को अच्छी डील पर मिले हैं. हालांकि, एंट्री लेवल मार्केट में कंपनी को चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. ओपो की ग्रोथ में फेस्टिव रिटेल कैंपेन ने जरूरी भूमिका निभाई है. (Photo: Unsplash)
टॉप 5 ब्रांड्स को छोड़ दें, तो Motorola का प्रदर्शन बेहतरीन रहा है. कंपनी ने 40 लाख यूनिट्स सेल की हैं. कंपनी ने 55 परसेंट की ईयर-ऑन-ईयर ग्रोथ हासिल की है. वहीं Nothing की ग्रोथ पिछले साल के मुकाबले इस साल 66 फीसदी रही है. (Photo: Unsplash)