मथुरा में यमुना नदी ने अपना रौद्र रूप दिखाया है, जिससे वृंदावन में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है. यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से 1.65 मीटर ऊपर बह रहा है, जिसके चलते वृंदावन के परिक्रमा मार्ग, वीआईपी रोड और कई रिहायशी इलाकों में पानी घुस गया है. बांके बिहारी मंदिर की ओर जाने वाले वीआईपी मार्ग पर 4 से 5 फुट तक पानी जमा है. निचले इलाकों में रहने वाले लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं. वृंदावन का पर्यटन थाना भी बाढ़ की चपेट में आ गया है.
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बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लेने निकले प्रेमानंद महाराज (Photo: Screengrab)
उत्तर प्रदेश के मथुरा और वृंदावन में यमुना का कहर देखने को मिल रहा है. जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गया है. पानी शहर में प्रवेश कर चुका है. निचले इलाकों में खेत-खलिहान, घर-मकान से लेकर मंदिर तक डूब चुके हैं. हजारों लोग पलायन को मजबूर हैं. बांके बिहारी को जाने वाले वीआईपी मार्ग पर चार से पांच फीट पानी भरा हुआ है. स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों को भी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, पुलिस-प्रशासन एक्टिव है. इस बीच यमुना नदी में आई भयानक बाढ़ का जायजा लेने के लिए, वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज भी बाहर निकले.
आपको बता दें कि प्रेमानंद महाराज एक स्टीमर में सवार होकर यमुना के उफनते पानी को देखने पहुंचे. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. प्रेमानंद का यह कदम इसलिए भी खास है क्योंकि आमतौर पर वे अपनी कुटिया से बाहर नहीं निकलते.
वायरल वीडियो के मुताबिक, प्रेमानंद महाराज ने यमुना के रौद्र रूप को देखकर कहा कि यह सब प्रभु की लीला है. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इस आपदा को ईश्वरीय प्रकोप न मानें, बल्कि इसे प्रकृति का एक हिस्सा समझें. प्रेमानंद महाराज ने यह भी कहा कि इस कठिन समय में सभी को धैर्य और साहस के साथ काम लेना चाहिए.
गौरतलब है कि मथुरा-वृंदावन के कई इलाके बाढ़ की चपेट में हैं. यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. कई घाट और मंदिर पानी में डूब गए हैं. स्थानीय प्रशासन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटा है. इस बीच प्रेमानंद महाराज का बाढ़ का जायजा लेने निकलना, लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है.
स्टीमर से बाढ़ का जायजा लेने के दौरान महाराज के साथ उनके कुछ शिष्य भी मौजूद थे. उन्होंने कहा कि "जिस तरह से प्रभु ने गोवर्धन लीला में भक्तों की रक्षा की थी, उसी तरह वे आज भी सबकी रक्षा करेंगे." उन्होंने भक्तों को विश्वास दिलाया कि यह संकट भी जल्द ही दूर हो जाएगा.
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