सेल्फी के चक्कर में सबसे ज्यादा जान गंवा रहे इंडियन! अभी तक इतने लोगों की हुई मौत

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सोशल मीडिया के युग में परफेक्ट सेल्फी लेना कभी-कभी जानलेवा साबित हो सकता है. कई बार खतरनाक सेल्फी लेने के चक्कर में लोगों की मौत तक हो जाती है. इस मामले में सबसे आगे भारत है. एक सर्वे में ये चौंकाने वाला परिणाम सामने आया है.  

न्यूयॉर्क पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, द बार्बर लॉ फर्म की ओर से किए गए एक नए अध्ययन से पता चलता है कि किस देश में सेल्फी लेने की कोशिश करना सबसे खतरनाक है.

2014 से अबतक 214 लोगों की गई है जान
फर्म के शोधकर्ताओं ने मार्च 2014 से मई 2025 तक दुनिया भर में सेल्फी से संबंधित घटनाओं का अध्ययन किया. गूगल समाचार से प्राप्त समाचार रिपोर्टों का इस्तेमाल करते हुए, अध्ययन में उन मामलों को शामिल किया गया, जहां सेल्फी लेने के प्रयास में सीधे तौर पर चोट लगी या मृत्यु हुई.

इस सर्वे में भारत दुनिया का सबसे खतरनाक देश बनकर उभरा है.  दुनिया भर में सेल्फी लेने के चक्कर में हुए 42.1%  घटनाएं भारत में हुई हैं.  भारत में 2014 से अबतक सेल्फी के कारण 271 हादसे हुए हैं. इनमें 214 में लोगों की मौत हो गई है. वहीं 57 केस में लोग घायल हुए हैं.

इन वजहों से जाती है जान
शोधकर्ताओं ने घनी आबादी वाले क्षेत्रों, जोखिम भरे लोकेशन तक आसान पहुंच - जैसे चट्टानें और रेल की पटरियां और मजबूत सोशल मीडिया संस्कृति को इसके लिए जिम्मेदार कारक बताया है. 

सेल्फी लेने के लिए 10 सबसे खतरनाक देश

देश -                मामले
1. भारत  -          271

2. अमेरिका -       45

3. रूस -             19

4. पाकिस्तान  -     16

5. ऑस्ट्रेलिया-      15

6. इंडोनेशिया -     14

7. केन्या -            13

8. इंग्लैंड -          13

9. स्पेन -            13

10. ब्राज़ील -      13


इस मामले में अमेरिका दूसरे स्थान पर रहा है. यहां सेल्फी के चक्कर में मौत बहुत कम हुईं. अमेरिका में खतरनाक सेल्फी के कुल 45 मामले दर्ज हैं. इनमें 37 मामलों में लोगों की मौत हुई और 8 घायल हुए. इसी तरह 19 हताहतों के साथ रूस तीसरे स्थान पर रहा. यहां सेल्फी के चक्कर में 18 लोगों की मौत हुई और 1 घायल हुआ था.

अमेरिका और रूस दूसरे और तीसने नंबर पर
हालांकि, अमेरिका और रूस में हुई घटनाएं भारत की तुलना में काफी कम हैं, फिर भी वे एक चिंताजनक पैटर्न को उजागर करती हैं. विशेष रूप से पर्यटकों से भरे वैसे स्थानों पर जहां लोग खतरनाक क्षणों को कैद करने के लिए प्रवृत्त होते हैं.

इस सूची में पाकिस्तान चौथे स्थान पर रहा.  यहां सेल्फी के कारण सिर्फ 16 मौतें हुईं और कोई घायल नहीं हुआ.ऑस्ट्रेलिया में 13 लोगों की सेल्फी लेने के दौरान  मौत हुई और केवल दो लोग घायल हुए. 

सेल्फी लेने के लिए सबसे ज्यादा गिरकर होती है मौत
अध्ययन के अनुसार, दुनिया भर में सेल्फी से जुड़ी मौतों का सबसे आम कारण गिरना है, जो कुल दुर्घटनाओं का 46% है. चाहे वह छतों से हो, चट्टानों से हो या ऊंची इमारतों से हो. ऊंचाई से जुड़ी दुर्घटनाएं सबसे ज़्यादा होती हैं और अक्सर सबसे ज़्यादा जानलेवा भी होती है.

सुर्खियों के कारण खतरा मोल ले रहे लोग
द बार्बर लॉ फ़र्म के संस्थापक और प्रमुख वकील क्रिस बार्बर ने कहा कि हमारा शोध एक चिंताजनक प्रवृत्ति को उजागर करता है. जहां सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोरने की चाहत सचमुच लोगों की जान ले रही है. एक बेहतरीन तस्वीर के लिए यह खतरा मोल लेना बिल्कुल भी उचित नहीं है. 

वायरल कंटेंट के लिए खतरा मोल ले रहे लोग
इंस्टाग्राम और टिकटॉक जैसे प्लेटफार्मों की निरंतर लोकप्रियता के साथ, आश्चर्यजनक, साहसिक सेल्फी लेने का दबाव पहले से कहीं अधिक तेज हो गया है. विशेषज्ञों का सुझाव है कि वायरल कंटेंट बनाने की इच्छा अक्सर बुनियादी सुरक्षा को दरकिनार कर देती है. इससे लोग अनावश्यक और कभी-कभी घातक जोखिम उठा लेते हैं - जो कि अक्सर घातक सोशल मीडिया चैलेंज के साथ भी देखा गया है.

अभी हाल ही में, भारत में एक पर्यटक ने हाथी के साथ फोटो लेने का प्रयास किया. इसके बाद उसे कुचल दिया गया और उसके कपड़े उतार दिए गए. इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया. यह एक लापरवाही पूर्ण और शर्मनाक स्टंट था, जो सौभाग्यवश केवल एक चौंकाने वाले वीडियो के साथ खत्म हुआ. 

बिना जोखिम लिए खूबसूरत सेल्फी के हैं कई विकल्प
बार्बर ने कहा कि खुद को जोखिम में डाले बिना खूबसूरत पलों को कैद करने के हमेशा सुरक्षित विकल्प मौजूद होते हैं. किसी भी तरह के लाइक या शेयर आपकी जान को खतरे में डालने को सही नहीं ठहरा सकते.

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