'दलाई लामा के उत्तराधिकारी का मुद्दा चीन-भारत संबंधों में कांटा बन चुका है', चीनी राजदूत का तीखा बयान

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तिब्बती बौद्धों के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने अपना 90वें जन्मदिन हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला स्थित त्सुगलाखांग मंदिर परिसर में बौद्ध समुदाय के लोगों के बीच मनाया. इस जन्मदिन में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, राजीव रंजन सिंह, अरुणाचल के सीएम पेमा खांडू, सिक्किम के मंत्री सोनम लामा शामिल हुए. 

दलाई लामा के जन्मदिन के मौके पर भारतीय सरकार के प्रतिनिधित्वों के वहां मौजूद रहने से चीन भड़का हुआ है. 

दिल्ली में स्थित चीनी दूतावास ने रविवार को चीन और भारत के बीच संबंध में दलाई लामा के उत्तराधिकारी के मुद्दे को बाधा बताया है. यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत के विदेश मंत्री 2020 की सीमा पर हुई झड़पों के बाद पहली बार चीन जाने की तैयारी कर रहे हैं. 

अपने जन्मदिन के पूर्व संध्या दलाई लामा ने साफ कर दिया था कि उनके उत्तराधिकारी को चुनने में चीन की कोई भूमिका नहीं होगी. उन्होंने 30 से 40 साल और जीने की इच्छा ज़ाहिर की थी. 

तिब्बती मानते हैं कि जब कोई बड़ा भिक्षु मरता है, तो उसकी आत्मा किसी और में दोबारा जन्म लेती है. लेकिन चीन कहता है कि दलाई लामा का अगला उत्तराधिकारी उसके नेताओं की मंजूरी से ही तय होगा. 

दलाई लामा 1959 में चीन एडमिनिस्ट्रेटिव तिब्बत से भागकर भारत का शरण लिए थे. तब से ही वो भारत में रहकर चीनी सरकार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठा रहे हैं और फ्री तिब्बत की मांग कर रहे हैं. भारत में क़रीब 70 हज़ार तिब्बती शरणार्थी रहते हैं. इतना ही नहीं भारत में एक निर्वासित तिब्बती सरकार भी है. विशेषज्ञ मानते हैं कि इसका कूटनीतिक लाभ चीन के ख़िलाफ़ भारत को मिलता है. 

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चीनी दूतावास की प्रवक्ता ने क्या कहा?

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए चीनी दूतावास की प्रवक्ता यू जिंग ने लिखा कि ऐसा सामने आया है कि कुछ रणनीतिक और शैक्षणिक लोगों ने दलाई लामा के पुनर्जन्म को लेकर ग़लत बयान दिए हैं. इन लोगों ने भारत सरकार से विपरित स्टैंड दिखाया है. 

🔹It has been noted some people from strategic and academic communities, including former officials, have made some improper remarks on the reincarnation of Dalai Lama, contrary to Indian government’s public stance.
🔹As professionals in foreign affairs, they should be fully… pic.twitter.com/HlG2IdvW1P

— Yu Jing (@ChinaSpox_India) July 13, 2025

उन्होंने कहा, विदेश मामलों से जुड़े लोगों को तिब्बत (जिसे चीन 'शिजांग' कहता है) से जुड़े मुद्दों की संवेदनशीलता को समझना चाहिए. दलाई लामा का पुनर्जन्म और उत्तराधिकार पूरी तरह चीन का आंतरिक मामला है. 
यू जिंग बोलीं - तिब्बत से जुड़ा यह मुद्दा भारत-चीन संबंधों में एक कांटा है और भारत के लिए बोझ बन गया है. अगर भारत 'तिब्बत कार्ड' खेलेगा, तो खुद ही नुकसान करेगा.

इनपुट: रॉयटर्स

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