J-K के जंगलों में दहशतगर्द सक्रिय, पंजाब में ड्रोन अटैक... अब भी नहीं थम रहीं आतंकी घटनाएं

13 hours ago 1

भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ठिकानों पर चलाए जा रहे ऑपरेशन सिंदूर के बावजूद नियंत्रण रेखा (LoC) पर घुसपैठ की घटनाएं थमी नहीं हैं. सूत्रों के अनुसार, बीते दो हफ्तों में करीब 45 से 50 आतंकी उरी और कुपवाड़ा (कश्मीर), हीरानगर (सांबा) और सुंदरबनी (जम्मू डिवीजन) जैसे सेक्टरों से भारतीय सीमा में प्रवेश कर चुके हैं.

जानकारी के मुताबिक इन घुसपैठ की कोशिशों को पाकिस्तानी सेना की ओर से कवर फायर देकर अंजाम दिया गया, ताकि भारतीय सुरक्षाबलों का ध्यान भटकाया जा सके. भारी गोलाबारी के दौरान आतंकियों ने सीमा पार की. 8 मई को सांबा में BSF ने सात आतंकियों को मार गिराकर एक बड़ी घुसपैठ को नाकाम किया. यह कार्रवाई BSF की सतर्क निगरानी और तकनीकी सहायता से संभव हुई, हालांकि कुछ आतंकी फिर भी घुसपैठ में सफल रहे.

जम्मू-कश्मीर में 180 से अधिक आतंकी सक्रिय

पहालगाम आतंकी हमले के समय जम्मू-कश्मीर में करीब 140 आतंकी सक्रिय थे, जिनमें 14 स्थानीय आतंकी शामिल थे. अब घुसपैठ के बाद यह संख्या 180 के करीब पहुंच चुकी है, जो चिंता का विषय है. दक्षिण कश्मीर में दो काउंटर-टेरर ऑपरेशनों में 6 (3+3) स्थानीय आतंकियों को ढेर किया गया, लेकिन पाकिस्तानी आतंकी अभी भी घने जंगलों में छिपे हुए हैं.

जंगलों में जारी सुरक्षाबलों की घेराबंदी

सेना ने एंटी-फिदायीन स्क्वॉड और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की छोटी-छोटी 4-5 जवानों की टीमों को इन दुर्गम क्षेत्रों में भेजा है. हालांकि कई विशेषज्ञ सुरक्षाबलों के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता बता रहे हैं, लेकिन शीर्ष अधिकारियों को भरोसा है कि समय के साथ हालात काबू में आ जाएंगे.

भारत की जवाबी कार्रवाई: बहावलपुर और मुरिदके पर हमले

22 अप्रैल को पहलगाम हमले में 26 लोगों (ज्यादातर पर्यटक) की मौत के बाद भारत ने पाकिस्तान के बहावलपुर और मुरिदके में आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर हमले किए. यह हमला ऑपरेशन सिंदूर के तहत हुआ. इसके बाद भारत और पाकिस्तान युद्ध के मुहाने पर पहुंच गए थे.

आतंकी हमले की आशंका: सुरक्षा प्रतिष्ठानों, मंदिरों और नदी इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खतरा

भारत की कार्रवाई के बाद खुफिया एजेंसियों ने संभावित फिदायीन हमलों को लेकर अलर्ट जारी किया था. इसमें सुरक्षा प्रतिष्ठानों, मंदिरों और नदी परियोजनाओं को निशाना बनाए जाने की आशंका जताई गई. हालांकि कुछ अधिकारियों का मानना है कि अगले 2-3 महीनों तक स्थिति सामान्य हो सकती है, लेकिन जो आतंकी घुसपैठ कर चुके हैं वे जंगलों में बेवजह नहीं घूम रहे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि आतंकी हमला सीधे युद्ध समझा जाएगा, जिसके गंभीर परिणाम पाकिस्तान और उसके आतंक समर्थित संगठनों को भुगतने होंगे. ये आतंकी पूरी तरह हथियारों से लैस, लड़ाकू अनुभव से परिपूर्ण हैं और स्थानीय मॉड्यूल्स से संपर्क से बच रहे हैं, जो एक चिंताजनक संकेत है.

TRF के चार आतंकी अब भी फरार

पाकिस्तान समर्थित लश्कर-ए-तैयबा का छद्म चेहरा द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) के चार आतंकी अभी भी एक महीने से फरार हैं. इसके अलावा राजौरी और पुंछ में आधा दर्जन हमलों के पीछे रहे आतंकी भी अब तक पकड़े नहीं जा सके हैं. खुफिया एजेंसियों का मानना है कि ये आतंकी अलग-अलग ग्रुप में हैं और पैरा-कमांडो जैसी ट्रेनिंग पाकर भारत में तबाही मचाने भेजे गए हैं.

पंजाब में बढ़ी ड्रोन गतिविधि

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पंजाब ने भी काफी तनाव देखा. अब ड्रोन घुसपैठ की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. पंजाब की 553 किलोमीटर लंबी सीमा पाकिस्तान से लगती है. सूत्रों के अनुसार 16 मई को 50 ड्रोन गतिविधियां दर्ज की गईं. 17 मई को यह संख्या बढ़कर 90 हो गई, जो अब तक की सबसे बड़ी एकदिनी रिपोर्ट है. 18-19 मई को फिर से 40-50 ड्रोन देखे गए. इनमें से कई ड्रोन गिरा लिए गए या निष्क्रिय किए गए, लेकिन पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा. यह नई रणनीति सुरक्षाबलों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रही है.

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