भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में प्रदेश अध्यक्ष के लिए चुनाव चल रहे हैं. उत्तराखंड में भी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के लिए नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो गई है. 30 जून को उत्तराखंड बीजेपी अध्यक्ष के लिए निवर्तमान अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने नामांकन किया. महेंद्र भट्ट ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ पहुंचकर अपना नामांकन किया. विरोध में कोई और नामांकन नहीं होने की वजह से महेंद्र भट्ट के लगातार दूसरी बार उत्तराखंड बीजेपी अध्यक्ष चुने जाने का ऐलान महज औपचारिकता मात्र रह गया है. महेंद्र भट्ट उत्तराखंड बीजेपी के दो बार अध्यक्ष चुने जाने वाले बीजेपी के पहले नेता होंगे.
महेंद्र भट्ट के नामांकन के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बीजेपी लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पूरी तरह से पालन करने वाली पार्टी है. उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव भी इसी प्रक्रिया के तहत किया जा रहा है. सीएम धामी ने महेंद्र भट्ट की संगठन में लंबी भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में पार्टी ने हर चुनाव में सफलता पाई है और आगे भी पार्टी को उनके अनुभव का लाभ मिलेगा. गौरतलब है कि उत्तराखंड बीजेपी के निवर्तमान अध्यक्ष महेंद्र भट्ट राज्यसभा सांसद भी हैं.
गढ़वाल क्षेत्र से आने वाले ब्राह्मण नेता महेंद्र भट्ट ने 30 जुलाई 2022 को पहली बार प्रदेश अध्यक्ष का पद संभाला था. उत्तराखंड बीजेपी का मुखर चेहरा माने जाने वाले महेंद्र भट्ट अनुभवी नेता माने जाते हैं. संगठन के कार्यों से लेकर आंदोलनों तक में उनकी भूमिका के साथ ही राजनीतिक समझ और सीएम पुष्कर सिंह धामी से करीबी, सरकार और संगठन में तालमेल बनाकर चलने की उनकी दक्षता को दोबारा प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के पीछे बड़ा कारण माना जा रहा है. हाल के दिनों में कई अहम मौकों पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को महेंद्र भट्ट का पूरा समर्थन मिला.
महेंद्र भट्ट न सिर्फ सरकार के निर्णयों के पक्ष में खुलकर सामने आए, बल्कि प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से अधिकतर चुनावों में पार्टी को जीत भी दिलाई. यही कारण रहा कि बीजेपी ने नेतृत्व में बदलाव की बजाय एक बार फिर भट्ट पर भरोसा जताना बेहतर समझा.
महेंद्र भट्ट का राजनीतिक साफर
महेंद्र भट्ट का राजनीतिक सफर 1991 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से शुरू हुआ था. 1991 से 1996 के बीच वे प्रदेश सह मंत्री, जिला संयोजक, जिला संगठन मंत्री और विभाग संगठन मंत्री जैसे पदों पर रहे. साल 1997 में वे बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेश सह मंत्री बने और 1998 से 2000 तक उत्तरांचल युवा मोर्चा में प्रदेश महामंत्री का दायित्व संभाला. उत्तराखंड राज्य निर्माण के दौरान 2000 से 2002 तक वे उत्तरांचल प्रदेश युवा मोर्चा के पहले प्रदेश अध्यक्ष रहे. महेंद्र भट्ट साल 2002 में नंदप्रयाग विधानसभा सीट से पहली बार विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए.
महेंद्र भट्ट ने 2007 में भी नंदप्रयाग सीट से ही चुनाव मैदान में उतरे. इस बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद 2017 में उन्होंने बदरीनाथ विधानसभा सीट से जीत दर्ज की, लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में फिर से हार गए. विधानसभा चुनाव हारने के बावजूद बीजेपी ने उनके संगठन से जुड़े अनुभवों को देखते हुए जुलाई 2022 में उत्तराखंड में पार्टी की कमान सौंप दी. महेंद्र भट्ट अप्रैल 2024 से राज्यसभा के भी सदस्य हैं. महेंद्र भट्ट राम मंदिर आंदोलन से भी जुड़े रहे हैं.
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राम मंदिर आंदोलन में गए थे जेल
राम मंदिर आंदोलन के समय महेंद्र भट्ट को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. वह 15 दिन तक पौड़ी के कांसखेत जेल में रहे. उत्तराखंड राज्य आंदोलन के समय भी महेंद्र भट्ट एक्टिव थे. उन्हें पांच दिन जेल में रहना पड़ा था. आंदोलनों के जरिये पहचान बनाने वाले महेंद्र भट्ट ने संगठन में अलग-अलग जिम्मेदारियां निभाईं और इन सबकी वजह से पार्टी में उनकी पैठ गहरी होती चली गई. बता दें कि उत्तराखंड बीजेपी अध्यक्ष पद पर पूरन चंद्र शर्मा, भगत सिंह कोश्यारी, बिशन सिंह चुफाल, तीरथ सिंह रावत, अजय भट्ट, बंशीधर भगत और मदन कौशिक जैसे नेता भी रह चुके हैं.