कांवड़ यात्रा वाले मार्ग पर रेस्टोरेंट्स को लेना होगा लाइसेंस, QR कोड से होगी पहचान

2 days ago 1

श्रावण मास में शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है. श्रद्धालुओं की सुरक्षा, स्वास्थ्य और सुविधाओं के लिए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इस बार कांवड़ मार्ग पर खाद्य प्रतिष्ठानों की निगरानी से लेकर मेडिकल स्टोर की जांच और यहां तक कि लोगों की पहचान भी QR कोड के माध्यम से होगी.

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कांवड़ यात्रा को लेकर दिशा-निर्देश जारी. (Representational image)

कांवड़ यात्रा को लेकर दिशा-निर्देश जारी. (Representational image)

श्रावण मास में कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश में प्रशासन ने सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है. खासतौर पर यात्रा मार्ग पर खाद्य और औषधि सुरक्षा को लेकर सख्त निर्देश जारी किए गए हैं. खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की ओर से सभी जिलों को यह आदेश दिया गया है कि कांवड़ मार्ग पर सभी खाद्य प्रतिष्ठानों के पास वैध लाइसेंस या पंजीकरण होना अनिवार्य है. इन प्रतिष्ठानों को अपने पंजीकरण प्रमाण पत्र और फूड सेफ्टी डिस्प्ले बोर्ड (FSD बोर्ड) प्रमुखता से लगाने होंगे, ताकि ग्राहक उसे देख सकें.

फूड सेफ्टी कनेक्ट ऐप से संबंधित साइनेज (सूचना पट्ट) को भी प्रत्येक दुकान पर लगाया जाना अनिवार्य है. कांवड़ यात्रा के दौरान न सिर्फ भोजन की क्वालिटी की निगरानी की जाएगी, बल्कि सही रेट पर उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाएगी. जिला प्रशासन की मदद से संयुक्त निरीक्षण टीम यह तय करेगी कि कोई भी अवैध या बिना लाइसेंस वाला प्रतिष्ठान न हो. खासतौर पर खुले में मांस और अंडा बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा.

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यात्रा मार्ग पर लगाए जाने वाले सामाजिक और धार्मिक संगठनों के पंडालों में बांटे जाने वाले भोजन की भी जांच होगी. यदि कोई खाद्य पदार्थ गुणवत्ता मानकों के विरुद्ध पाया जाता है तो उसे तुरंत हटाया जाएगा और कार्रवाई होगी. दुकानदारों को इस संबंध में जागरूक किया जाएगा. जरूरत पड़ने पर सैंपल लेकर जांच कराई जाएगी.

औषधि सुरक्षा को लेकर भी प्रशासन बेहद सतर्क है. मेडिकल स्टोरों का निरीक्षण कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उनके पास सभी जरूरी दवाएं हों. नशीली या नींद वाली दवाओं की बिक्री केवल डॉक्टर के पर्चे पर ही होगी. किसी भी उल्लंघन की स्थिति में संबंधित स्टोर के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. ब्लड बैंकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे आकस्मिक स्थिति में कांवड़ियों को प्राथमिकता के आधार पर ब्लड उपलब्ध कराएं. 

सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए इस बार लोगों की पहचान और पंजीकरण की प्रक्रिया QR कोड के माध्यम से होगी. यह व्यवस्था संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान और निगरानी के लिए बेहद अहम साबित होगी. प्रशासन ने सभी जिलों को निर्देश दिए हैं कि हर रोज की कार्रवाई का ब्योरा गूगल फॉर्म के माध्यम से मुख्यालय भेजा जाए. स्पष्ट कर दिया गया है कि यदि कहीं भी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन हुआ तो संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी.

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