ब्रिटेन अगले राष्ट्रपति चुनाव से मतदान की आयु 18 साल से घटाकर 16 साल करने जा रहा है. ब्रिटेन की किएर स्टार्मर सरकार का कहना है कि देश की चुनावी व्यवस्था में इस बड़े बदलाव का मकसद लोकतांत्रिक भागीदारी को बढ़ाना है.
जुलाई 2024 के ब्रिटेन में आम चुनावों से पहले, वामपंथी लेबर पार्टी ने अपने इलेक्शन कैंपेन में वादा किया था कि पार्टी ब्रिटिश संसद के चुनावों के लिए मतदान की उम्र कम करेगी. ब्रिटिश राजशाही के अधीन आने वाले स्कॉटलैंड और वेल्स में, 16 साल की उम्र के लोग पहले से ही स्थानीय और क्षेत्रीय चुनावों में मतदान करते आए हैं.
वोटिंग की उम्र सीमा घटाने को लेकर स्टार्मर सरकार में मंत्री रुशनारा अली ने कहा, 'हम अपने लोकतंत्र का आधुनिकीकरण कर रहे हैं ताकि यह 21वीं सदी के लिए सही हो. 16 और 17 साल के बच्चों को वोटिंग का अधिकार देने के अपने वादे को पूरा करके हम जनता का विश्वास बहाल करने और लोकतंत्र में उनकी भागीदारी बढ़ाने की दिशा में एक पीढ़ीगत कदम आगे बढ़ा रहे हैं.'
ब्रिटेन के अलावा दुनिया में ऐसे कई देश हैं जहां मतदान की उम्र सीमा 18 साल से कम है. इन देशों में ब्राजील, जर्मनी, ऑस्ट्रिया जैसे देश शामिल हैं.
ब्राजील- मतदान की उम्र घटाकर 16 साल करने का श्रेय ब्राजील का जाता है जिसके बाद अन्य कई देशों ने ऐसा किया. ब्राजील ने 1988 में राष्ट्रपति चुनावों के लिए मतदान की उम्र घटाकर 16 साल कर दिया था. हालांकि, ब्राजील में 16 और 17 साल के नागरिकों के लिए मतदान वैकल्पिक है.
18-70 साल के बाद की आयु के नागरिकों के लिए मतदान अनिवार्य है. 70 साल से ऊपर के लोगों को फिर से वैकल्पिक वोटिंग का अधिकार है.
जर्मनी- जर्मनी के लोअर सैक्सोनी राज्य ने 1995 में वोटिंग की आयु सीमा घटाकर 16 साल कर दिया था जिसके बाद देश के कई राज्यों ने ऐसा ही किया. 2024 में, जर्मनी ने यूरोपीय संसद के चुनावों के लिए मतदान की आयु घटाकर 16 वर्ष कर दिया था. हालांकि, आम चुनावों के लिए जर्मनी में मतदान की निर्धारित उम्र सीमा 18 साल ही है.
ऑस्ट्रिया- यूरोपीय देश ऑस्ट्रिया ने 2007 में आम चुनावों और 2009 में यूरोपीय संसद के चुनावों में 16 साल के बच्चों को मतदान करने की अनुमति दे दी. आयु सीमा घटाने के पीछे ऑस्ट्रिया का मकसद युवाओं की राजनीतिक भागीदारी बढ़ाना था.
कई अध्ययनों और शोध में देखा गया था कि 16-17 साल के युवा भी उतने ही जिम्मेदार होते हैं जितने कि 18 साल और उससे बाद के मतदाता. इसे देखते हुए ऑस्ट्रिया ने अपने यहां मतदान का आयु सीमा घटा दी.
माल्टा- माल्टा में 16 साल की उम्र के लोगों को 2015 से स्थानीय चुनावों में और 2018 से आम चुनावों में मतदान करने की अनुमति दी गई. मार्च 2018 में माल्टा की संसद ने सर्वसम्मति से एक कानून पारित किया- Vote 16 Act. इस कानून के तहत माल्टा में सभी चुनावों के लिए न्यूनतम मतदान की उम्र 16 साल कर दी गई थी.
बेल्जियम- बेल्जियम ने 2023 से यूरोपीय चुनावों में 16 साल के बच्चों को वोट देने की अनुमति दे दी है. हालांकि, 16 और 17 साल के युवाओं को वोटिंग के लिए बाध्य नहीं किया जाता बल्कि वोटिंग उनके लिए वैकल्पिक है. बेल्जियम के आम चुनावों में केवल 18 साल के बच्चे ही वोट दे सकते हैं.
इसके अलावा, ग्रीस में जुलाई 2016 से मतदान की आयु 17 साल कर दी गई थी. बोस्निया और हर्जेगोविना में, 16 साल की उम्र के नागरिक अगर नौकरीपेशा हैं तो वोट दे सकते हैं. दिलचस्प बात यह है कि हंगरी में, 16 साल का कोई भी व्यक्ति अगर शादीशुदा है तो वोट दे सकता है.
इंडोनेशिया में विवाहित नागरिकों के लिए कोई आयु सीमा नहीं है और वो किसी भी उम्र में वोट कर सकते हैं जबकि अन्य नागरिकों के लिए यह उम्र सीमा 17 साल है. यहां पुलिस और सेना को वोट देने का अधिकार नहीं है.
उत्तर कोरिया में सेना का कोई भी सदस्य अपनी आयु की परवाह किए बिना मतदान कर सकता है, जबकि अन्य लोगों के लिए वोटिंग की उम्र 17 साल है.
क्यूबा, अर्जेंटीना, ब्राजील, इक्वाडोर और निकारागुआ जैसे लैटिन अमेरिकी देशों में भी वोटिंग की कानूनी उम्र सीमा 16 साल है.
भारत में मतदान की उम्र क्या है?
हम अपने देश यानी भारत की बात करें तो, यहां वोटिंग की न्यूनतम उम्र 18 साल है. भारत में 1950 में जब संविधान लागू हुआ तब मतदान की आयु 21 साल तय की गई थी लेकिन 1988 में 61वें संविधान संशोधन अधिनियम के तहत मतदान की उम्र घटाकर 18 साल कर दी गई. इसके बाद 1989 में पहली बार 18 साल के युवाओं ने आम चुनावों में मतदान किया था.
---- समाप्त ----