पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के एक और अहम आरोपी नीरव मोदी के भाई नेहल दीपक मोदी को अमेरिका में गिरफ्तार कर लिया गया है. यह गिरफ्तारी भारत की प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की संयुक्त अपील पर अमेरिका के न्याय विभाग द्वारा 4 जुलाई 2025 को की गई. इसे भारत के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले की जांच में एक बड़ी कूटनीतिक और कानूनी सफलता माना जा रहा है.
नेहल मोदी की गिरफ्तारी भारत सरकार के औपचारिक प्रत्यर्पण अनुरोध के तहत हुई है और अब उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया अमेरिका में शुरू हो चुकी है. अमेरिकी अभियोजन पक्ष द्वारा दायर शिकायत के मुताबिक, नेहल मोदी के खिलाफ दो मुख्य आरोपों के आधार पर प्रत्यर्पण की कार्यवाही की जा रही है.
नेहल मोदी पर आरोप है कि उसने अपने भाई नीरव मोदी की मदद करते हुए करोड़ों रुपये की अवैध कमाई को छुपाया और उसे शेल कंपनियों और विदेशी लेनदेन के जरिए इधर-उधर किया. प्रवर्तन निदेशालय की चार्जशीट में नेहल मोदी को सह-आरोपी के तौर पर नामित किया गया है, और उस पर सबूत मिटाने का भी आरोप है.
2019 में जारी हुआ था रेड कॉर्नर नोटिस
गौरतलब है कि 2019 में इंटरपोल ने नेहल मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था. इससे पहले उसके भाई नीरव मोदी और निशाल मोदी के खिलाफ भी इंटरपोल नोटिस जारी हो चुके हैं. नेहल बेल्जियम का नागरिक है और उसका जन्म एंटवर्प में हुआ था. वह अंग्रेज़ी, हिंदी और गुजराती भाषाएं जानता है.
नीरव मोदी पहले से ही ब्रिटेन की जेल में बंद है और उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया भी चल रही है. नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी को PNB घोटाले के मुख्य अपराधी हैं, जिसमें बैंक को करीब 14,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था.
प्रत्यर्पण पर अगली सुनवाई 17 जुलाई को
नेहल मोदी के प्रत्यर्पण मामले में अगली सुनवाई 17 जुलाई 2025 को तय की गई है, जिसमें 'स्टेटस कॉन्फ्रेंस' होगी. इस दौरान नेहल मोदी की ओर से जमानत याचिका भी दायर की जा सकती है, जिसका अमेरिकी अभियोजन पक्ष विरोध करेगा. यह गिरफ्तारी भारत की जांच एजेंसियों के लिए न केवल एक रणनीतिक उपलब्धि है, बल्कि इससे PNB घोटाले की तह तक पहुंचने और दोषियों को कानून के शिकंजे में लाने की प्रक्रिया को भी बल मिलेगा.
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