ये 5 चीज़ें खाएं बुढ़ापे तक खराब नहीं होगा आपका लिवर, यहां जानें

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आजकल बहुत से लोग फैटी लिवर से जूझ रहे हैं. फैटी त्वचा आम है और खराब जीवनशैली की वजह से यह अधिक गंभीर भी हो सकता है और लिवर डैमेज का कारण बन सकता है.इसलिए इससे बचने के लिए आपको प्रोटीन, फाइबर, फल, सब्जियां, फलियां, नट्स और बीज जैसे साबुत अनाज, फल और सब्जियां खाना चाहिए.

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Liver (Photocredit: Getty Images)

फैटी लीवर की समस्या दुनियाभर में तेजी से बढ़ रही है, जिसमें भारत में हर दस में तीन लोगों को यह समस्या है. फैटी लीवर तब होता है जब लीवर में एक्स्ट्रा फैट जमा हो जाती है, जिससे उसके नार्मल काम पर असर पड़ता है.  लीवर शरीर में टॉक्सिन्स को फिल्टर करने, पाचन के लिए एंजाइम बनाने, हार्मोन्स और कोलेस्ट्रॉल बनाने जैसे जरूरी काम करता है. जब फैट ज्यादा हो जाता है तो लीवर धीरे-धीरे कमजोर हो जाता है. हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बताने जा रहें हैं  जो बिना साइड इफेक्ट्स के लीवर को डिटॉक्सीफाई और ठीक करने में मदद करते हैं-

एप्पल साइडर विनेगर (Apple Cider Vinegar - ACV)- रिसर्च बताती है कि ACV लीवर में जमा एक्स्ट्रा फैट को कम करने में मदद करता है और इसे एक्टिव बनाता है, जिससे शरीर फैट को बेहतर तरीके से प्रोसेस कर पाता है. हाई ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में भी ACV उपयोगी है, जो फैटी लीवर के खतरे को घटाता है. इसे लेने के लिए एक गिलास पानी में एक या दो टीस्पून ACV मिलाकर सुबह खाली पेट पीना चाहिए. 

नींबू पानी (Lemon Water)- नींबू पानी अपने डिटॉक्सिफाइंग गुणों के कारण लीवर के लिए फायदेमंद है. यह टॉक्सिन्स को बाहर निकालकर लीवर को साफ करता है और जमा फैट को कम करता है, जिससे लीवर की फंक्शनिंग बढ़ती है. रोजाना सुबह गुनगुने पानी में नींबू का रस डालकर पीना चाहिए. 

ग्रीन टी (Green Tea)- ग्रीन टी में कैटेचिन नाम का एंटीऑक्सिडेंट्स होता है जो लीवर की सेहत के लिए अत्यंत लाभकारी हैं. यह लीवर एंजाइम्स को बैलेंस करती है और लीवर में जमा एक्सट्रा फैट को कम करती है. इसका सेवन दिन में दो से तीन कप करें. 

आंवला (Indian Gooseberry or Amla)- आंवला आयुर्वेद में एक सुपरफूड माना जाता है और यह लीवर की कार्यक्षमता बढ़ाने, डिटॉक्स करने और कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में मददगार है. यह पाचन में सुधार करता है जो लीवर के लिए उपयोगी है. आंवला को ताजा, चटनी के रूप में, जूस के रूप में या पाउडर की तरह इस्तेमल किया जा सकता है.

कच्ची हल्दी (Fresh Turmeric)- कच्ची हल्दी में प्रोसेस्ड हल्दी के मुकाबले कहीं ज्यादा करक्यूमिन होता है, जो एक शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट तत्व है. यह लीवर को डिटॉक्स करता है, लीवर की कोशिकाओं की मरम्मत करता है और सूजन घटाता है. 

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