लीवर खराब होने के ये हैं 5 लक्षण, साथ ही जानें इलाज का तरीका

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 लिवर शरीर का सबसे जरूरी ऑर्गन है, जो दिन में 500 से ज्यादा जरूरी काम करता है. यह अकेला ऐसा अंग है जो खुद को फिर से रिजेनरेट कर सकता है, यहाँ तक कि इसका 75% हिस्सा भी निकाल दिया जाए तब भी यह रिजेनरेट हो सकता है. लिवर को शरीर के मास्टर कंट्रोल रूम की तरह माना जा सकता है, जो पूरे शरीर के ऑपरेशन को कंट्रोल करता है.

क्या-क्या काम करता है लिवर

न्यूट्रिएंट प्रोसेसिंग और एनर्जी प्रोडक्शन-

लिवर खाने में पाए जाने वाले पोषक तत्वों को तोड़कर एनर्जी में बदलता है. एनर्जी की जरूरत से ज्यादा मिला हिस्सा जमा कर फास्टिंग या भूख लगने पर एनर्जी उपलब्ध कराता है.

डिटॉक्सिफिकेशन (शरीर से विषाक्त पदार्थों का निकालना)- लिवर खून से हानिकारक पदार्थों जैसे शराब, तंबाकू, प्रोसेस्ड फूड से पैदा हुए टॉक्सिन्स को निकालने का काम करता है. अगर यह फंक्शन सही नहीं काम करे तो शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा हो जाते हैं जिससे सेहत से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

 बाइल उत्पादन- लिवर बाइल नाम का एक द्रव का निर्माण करता है जो फैट के पाचन में मदद करता है. पित्त की थैली लिवर में पित्त को जमा करती है.

विटामिन और मिनरल स्टोरेज- लिवर विटामिन A, D, K और मिनरल जैसे आयरन, कॉपर को स्टोर करता है और जरूरत पड़ने पर इन्हें शरीर में रिलीज करता है.

 ब्लड क्लॉटिंग प्रोटीन उत्पादन- लिवर चोट लगने पर ब्लीडिंग रोकने वाले प्रोटीन बनाता है, जिससे ब्लीडिंग कंट्रोल रहती है.

इम्यून डिफेंस- लिवर खून में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया व सूक्ष्म जीवों को निकाला कर इंफेक्शन से शरीर को प्रोटेक्ट करता है.

लिवर प्रॉब्लम के कारण-

अल्कोहल का सेवन- ज्यादा शराब सेवन लिवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती है और लिवर को खराब कर सकता है.  

अनहेल्दी डाइट और मोटापा- ज्यादा फैटी और प्रोसेस्ड फूड खाने से लिवर में फैट जमा होने लगता है, जिससे नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज का खतरा बढ़ सकता है.

वायरल इंफेक्शन- हेपेटाइटिस A, B, C वायरस लिवर को नुकसान पहुंचाते हैं.

मेडिकेशन्स- लंबे समय तक दवाइयों का सेवन टॉक्सिसिटी बढ़ा सकता है.

जेनेटिक कंडीशन्स-  फैमिली से मिलने वाली बीमारियां जैसे हीमोक्रोमेटोसिस भी लिवर को बुरी तरह से प्रभावित कर सकती हैं.

लिवर डिजीज के लक्षण -

शुरुआती लक्षण: बिना किसी कारण के थकान, कमजोरी, भूख कम लगना, वजन तेजी से घटना, पेट में दर्द या सूजन.

एडवांस लक्षण: पीलिया (जॉन्डिस) जिसमें स्किन और आंखों का रंग पीला हो जाना, गाढ़ा यूरिन, पीलिया के साथ मल का रंग फीका पड़ना.

लिवर हेल्दी रखने के उपाय-

बैलेंस डाइट लें-  वेजिटेबल, फल, व्होल ग्रेन, लीन प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर डाइट लिवर की फंक्शनिंग के लिए जरूरी है.

प्रोसेस्ड फूड और शुगर ड्रिंक से बचें- ये लिवर पर एक्सेस लोड डाल देते हैं और इसकी वजह से लिवर खराब हो सकता है, कमजोर हो सकता है.

इसके अलावा जरूरी है कि आप शराब का सेवन ना करे बराबर करें. 

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