RBI की एक रिपोर्ट में कहा गया कि भारत को मिलने वाली रेमिटेंस आमतौर पर विदेशी निवेश (FDI) से ज्यादा होती है जो इसे स्थिर बाहरी फंडिंग का जरिया बनाती है. सााल 2023-24 में सबसे ज्यादा रेमिटेंस अमेरिका से आई (27.7 फीसदी), इसके बाद यूएई (19.2 फीसदी), यूके (10.8 फीसदी), सऊदी अरब (6.7 फीसदी) और सिंगापुर (6.6 फीसदी) रहा.
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The latest World Bank data showed Indians living abroad remitted a total of $119 billion back home in 2023.
विदेश में रहने वाले भारतीय सबसे ज्यादा पैसा अपने देश वापस भेजते हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के डेटा के मुताबिक पिछले वित्तीय साल में भारतीय प्रवासियों ने 135 अरब डॉलर की रेमिटेंस यानी विदेश से अपने घर पैसा भेजा, जो अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है और पिछले साल की तुलना में 14 फीसदी ज्यादा है.
पिछले दस साल में भारत में आने वाली रेमिटेंस लगभग दोगुनी हो गई है. साल 2014-15 में जहां ये 69 अरब डॉलर थी, वही 2024-25 में बढ़कर 135.46 अरब डॉलर हो गई, यानी 94.21 फीसदी की उछाल दर्ज की गई. देखा जाए तो 2001 से भारत रेमिटेंस पाने वाला सबसे बड़ा देश बना हुआ है. वर्ल्ड बैंक के अनुसार, 2023-24 में भारत ने 118 अरब डॉलर की रेमिटेंस पाई जो सबसे ऊपर है. इसके बाद मेक्सिको (68 अरब डॉलर) और चीन (48 अरब डॉलर) हैं.
RBI की एक रिपोर्ट में कहा गया कि भारत को मिलने वाली रेमिटेंस आमतौर पर विदेशी निवेश (FDI) से ज्यादा होती है जो इसे स्थिर बाहरी फंडिंग का जरिया बनाती है. सााल 2023-24 में सबसे ज्यादा रेमिटेंस अमेरिका से आई (27.7 फीसदी), इसके बाद यूएई (19.2 फीसदी), यूके (10.8 फीसदी), सऊदी अरब (6.7 फीसदी) और सिंगापुर (6.6 फीसदी) रहा.
साल 2023-24 में महाराष्ट्र ने सबसे ज्यादा (20.5 फीसदी) रेमिटेंस पाई जो 2020-21 के 35.2 फीसदी से कम है. इसके बाद केरल (19.7 फीसदी जो पहले 10 फीसदी से बढ़ा), तमिलनाडु (10.4 फीसदी), तेलंगाना (8.1 फीसदी) और कर्नाटक (7.7 फीसदी) हैं.
औसतन 26.5 फीसदी रेमिटेंस नकद रूप में और 73.5 फीसदी डिजिटल तरीके से आई. सऊदी अरब से 92.7 फीसदी रेमिटेंस डिजिटल आई, इसके बाद ऑस्ट्रेलिया (89.5 फीसदी) जबकि इटली से 65 फीसदी और कनाडा से 60 फीसदी रेमिटेंस नकद में आई.