पटना में शुक्रवार की रात 11 बजे बेखौफ बदमाशों ने एक बड़े बिजनेसमैन की गोली मारकर हत्या कर दी थी. वारदात को उस वक्त अंजाम दिया गया, जब बिजनेसमैन गोपाल खेमका अपनी कार से अपार्टमेंट के सामने कार से उतर रहे थे. इस हत्याकांड का एक सीसीटीवी भी सामने आया है. जिसमें देखा जा सकता है किस तरह बदमाशों ने हत्याकांड को अंजाम दिया और मौके से फरार हो गए.
पहले से ही अपार्टमेंट के सामने खड़ा था बदमाश
सीसीटीवी में दिख रहा है कि एक बदमाश खेमका के अपार्टमेंट के बाहर हेलमेट लगाकर खड़ा है. जबकि एक फोन पर किसी से बात कर रहा था. वहीं, इसी दौरान बिजनेसमैन खेमका अपनी कार से अपार्टमेंट आते हैं. उनकी गाड़ी के पीछे भी एक कार थी. दावा किया जा रहा है कि इस कार में उनके अन्य स्टाफ भी थे. जैसे ही उनकी कार अपार्टमेंट के बाहर रुकी और वह गेट खोलकर नीचे उतरे, वैसे ही पहले से घात लगाकर हेलमेट पहनकर खड़े बदमाश ने उन पर गाली चला दी.
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गोली लगते ही खेमका गिर गए और उनकी मौत हो गई. हालांकि, इस दौरान मौजूद अन्य लोग खेमका को अस्पताल लेकर गए, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. वहीं, हत्याकांड को अंजाम देने के बाद बदमाश बाइक लेकर फरार हो गया.
एसपी पटना दीक्षा ने कहा, "4 जुलाई की रात करीब 11 बजे हमें सूचना मिली कि व्यवसायी गोपाल खेमका की गांधी मैदान के दक्षिणी इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई है. जिसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई है. आरोपियों की तलाश की जा रही है. जल्द ही गिरफ्तारी कर ली जाएगी."
हत्याकांड शासन और सरकार के लिए चुनौती: बीजेपी नेता
हत्याकांड को लेकर बीजेपी नेता राम कृपाल यादव ने कहा कि ये हत्याकांड शासन और सरकार के लिए चुनौती है. खेमका तो व्यापारी थे. पटना में पहचान थी. इतने पॉश इलाके में रहने वाले व्यक्ति की हत्या हो जाए तो गंभीर मामला है. परिजनों का आरोप है कि पुलिस भी देर से आई. पुलिस थाने के पास घटना घट गई और पुलिस लेट से पहुंचे तो बड़ी चिंता का विषय है. इनके बेटे की भी 6 वर्ष पहले हत्या कर दी गई थी.
इधर, हत्याकांड को लेकर थोड़ी देर में पटना में पप्पू यादव विरोध में आक्रोश मार्च निकालेंगे. उनकी यह यात्रा जेपी गोलंबर से पुलिस मुख्यालय तक होगी. मामले में पटना SSP कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि व्यापारी हत्या मामले की जांच चल रही है और परिजनों ने जो आरोप लगाया है कि पुलिस रात में देर से पहुंची थी, वह आरोप गलत है. कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि पूर्व में गोपाल खेमका को पुलिस सुरक्षा दी गई थी. मगर पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान उनकी सुरक्षा वापस ले ली गई थी और उसके बाद से उन्हें फिर सुरक्षा नहीं दी गई.
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